मंगलवार, 29 अक्तूबर 2013
सोमवार, 28 अक्तूबर 2013
जरा सोचिये:-
बिहार में इंडियन मुझहूदीन के कई मॉडूल सक्रिय हैं , जो आतंकवादी गतिबिधियो को पुरे देश में अंजाम देते हैं मधुबनी और दरभंगा से ज्यादा तदाद में लोग है जो आतंकवादी संगठनइंडियन मुझहूदीन से जुड़े हुए हैं, क्या इस से सम्बधित जाँच पड़ताल नहीं होना चाहिए के इसमें बिहार के नेता कही ना कही सलंगित तो नहीं हैं क्यूंकि मुस्तैदी में इतना ढिलाई क्यों बरतें जाते हैं। जरा सोचिये, आखिर इन दिनों मिथलांचल आतंकवादी का गढ़ कैसे बना परा है, यदि समय रहते इसे रोका नहीं गया तो भविष्य में ये चाह कर भी नहीं रोक पाएंगे।
बिहार में इंडियन मुझहूदीन के कई मॉडूल सक्रिय हैं , जो आतंकवादी गतिबिधियो को पुरे देश में अंजाम देते हैं मधुबनी और दरभंगा से ज्यादा तदाद में लोग है जो आतंकवादी संगठनइंडियन मुझहूदीन से जुड़े हुए हैं, क्या इस से सम्बधित जाँच पड़ताल नहीं होना चाहिए के इसमें बिहार के नेता कही ना कही सलंगित तो नहीं हैं क्यूंकि मुस्तैदी में इतना ढिलाई क्यों बरतें जाते हैं। जरा सोचिये, आखिर इन दिनों मिथलांचल आतंकवादी का गढ़ कैसे बना परा है, यदि समय रहते इसे रोका नहीं गया तो भविष्य में ये चाह कर भी नहीं रोक पाएंगे।
रविवार, 27 अक्तूबर 2013
जरा सोचिये:-
अरे बिहार में क्या हो रहा हैं ? नितीश तो बटुआ गया हैं, भाई, पटना में शिल- शिलेवार धमाका हो रहा था और शुशाशन बाबु सो रहे थे। अगर दुश्मन भी आपके घर आये तो उसको मेहमानबाजी की जाती हैं पर नितीश बाबु तो मेहमानबाजी का मिशाल तो पेश नहीं किया पर बिहारियों का मजाक जरुर उड़ाए। जनाब, बिहार के जनता इसका हिसाब तो जरुर लेगा पर नितीश बाबु से नम्रता और विवेक ने भी साथ छोड़ गए, क्या उनके अंह उनके ऊपर हावी हो गए, शायद यही उनको लेकर डूबेंगे। पर उनके एक नेता है साबिर अली, जो बेतुका बयानदेने में आगे रहते हैं, जिस तरह के बयान दे रहे हैं, जाने अनजाने में अलगवादी और आंतकवादी को सहयोग कर रहे हैं। क्या इन नेताओ को राजनीती के सिवाय कुछ और नहीं सुझता हैं इसलिए तो एनसीपी हो या कांग्रेस सबने अजीब -अजीब बयान दिए, जो कभी भी स्वीकार नहीं किया जा सकता है। जरा सोचिये, क्या इस तरह के नेताओ के हाथ में आपका देश और आप सुरक्षित हैं ?
अरे बिहार में क्या हो रहा हैं ? नितीश तो बटुआ गया हैं, भाई, पटना में शिल- शिलेवार धमाका हो रहा था और शुशाशन बाबु सो रहे थे। अगर दुश्मन भी आपके घर आये तो उसको मेहमानबाजी की जाती हैं पर नितीश बाबु तो मेहमानबाजी का मिशाल तो पेश नहीं किया पर बिहारियों का मजाक जरुर उड़ाए। जनाब, बिहार के जनता इसका हिसाब तो जरुर लेगा पर नितीश बाबु से नम्रता और विवेक ने भी साथ छोड़ गए, क्या उनके अंह उनके ऊपर हावी हो गए, शायद यही उनको लेकर डूबेंगे। पर उनके एक नेता है साबिर अली, जो बेतुका बयानदेने में आगे रहते हैं, जिस तरह के बयान दे रहे हैं, जाने अनजाने में अलगवादी और आंतकवादी को सहयोग कर रहे हैं। क्या इन नेताओ को राजनीती के सिवाय कुछ और नहीं सुझता हैं इसलिए तो एनसीपी हो या कांग्रेस सबने अजीब -अजीब बयान दिए, जो कभी भी स्वीकार नहीं किया जा सकता है। जरा सोचिये, क्या इस तरह के नेताओ के हाथ में आपका देश और आप सुरक्षित हैं ?
शनिवार, 26 अक्तूबर 2013
जरा सोचिएं :-
यदि कोई समर्थबान है तो क्या वे कानून से बड़े हैं, क्या देश में सभीके लिए अलग अलग कानून हैं?
जी हं, आदित्य बिड़ला को यदि कोयला घोटाला में नाम आता हैं उनके बचाने के लिए उद्योग के बड़े -बड़े संस्थान सामने आ कर खड़े हो जाते हैं। यदि नविन जिंदल के ऊपर आरोप लगते हैं तो पूरी कांग्रेस पार्टी उनके समर्थन में ना आ जाते ब्लिक हर सभी उपाय करते हैं ताकि वे निर्दोष साबित हो। संजय दत्त को परोल पर छोड़ दिया जाता और पूरा तन्त्र उनका सजा माफ़ करने के लिए जुट जाता हैं और वे घर में आराम फ़रमा रहे हैं। यदि इनके जगह कोई आम आदमी होता तो उनके साथ भी ऐसा ही होता, जरा सोचिएं …!!!!
यदि कोई समर्थबान है तो क्या वे कानून से बड़े हैं, क्या देश में सभीके लिए अलग अलग कानून हैं?
जी हं, आदित्य बिड़ला को यदि कोयला घोटाला में नाम आता हैं उनके बचाने के लिए उद्योग के बड़े -बड़े संस्थान सामने आ कर खड़े हो जाते हैं। यदि नविन जिंदल के ऊपर आरोप लगते हैं तो पूरी कांग्रेस पार्टी उनके समर्थन में ना आ जाते ब्लिक हर सभी उपाय करते हैं ताकि वे निर्दोष साबित हो। संजय दत्त को परोल पर छोड़ दिया जाता और पूरा तन्त्र उनका सजा माफ़ करने के लिए जुट जाता हैं और वे घर में आराम फ़रमा रहे हैं। यदि इनके जगह कोई आम आदमी होता तो उनके साथ भी ऐसा ही होता, जरा सोचिएं …!!!!
फेसबुक का उद्देश्य :-
फेसबुक एक जरिया हैं चिंतन और आत्म मंथन करने का और अपने विचार को अपने हितेषी और समाज के बुढ्जीवियो से अवगत कराना ना की चुटकले और शायरी का प्रचार- प्रशार करना। हँ !, कभी कभार इन विषयो से आमोद-प्रमोद का आदान - प्रदान होता हैं इसलिए इनको पब्लिश करना कटई गलत नहीं हैं परन्तु इन्हीको अपना उद्देश्य मान ले ये भी अनुचित हैं। अन्तः मित्रो इसका उपयोग को सही दिशा दे और समाज की विक्रतियो का ना की आदान -प्रदान करे ब्लिक इसके जरिये उनका निदान भी करे !!! ध्यनबाद !!!
फेसबुक एक जरिया हैं चिंतन और आत्म मंथन करने का और अपने विचार को अपने हितेषी और समाज के बुढ्जीवियो से अवगत कराना ना की चुटकले और शायरी का प्रचार- प्रशार करना। हँ !, कभी कभार इन विषयो से आमोद-प्रमोद का आदान - प्रदान होता हैं इसलिए इनको पब्लिश करना कटई गलत नहीं हैं परन्तु इन्हीको अपना उद्देश्य मान ले ये भी अनुचित हैं। अन्तः मित्रो इसका उपयोग को सही दिशा दे और समाज की विक्रतियो का ना की आदान -प्रदान करे ब्लिक इसके जरिये उनका निदान भी करे !!! ध्यनबाद !!!
प्रिय दोस्तों,
जंहा तक आर. एस. एस. की बात उनके लिए हमारे जहन में काफी आदर था और एक, दो बार मैंने दक्षिणा में भी योगदान दिया लेकिन कुछ ऐसे राष्ट्रीय स्वयं सेवक से मिला जिनका आचार विचार से जैसे ही अवगत हुआ। हमारे मन जितना मान -सम्मान राष्ट्रीय स्वयं सेवक के प्रति था, उतना अब रहा नहीं। कुछ दिन पहले हमे ज्ञात हुआ की हर्ष बर्धन जी के ही खेमे के ये लोग हैं। जब हर्ष बर्धन जी को बीजेपी के दिल्ली का मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित किया, मैं बीजेपी के प्रति अपनी आस्था पर दुवारा विचार कर रहा हूँ और अपनी मनोस्थिति को आकलन करके ये जरुर कहूँगा की हमारे जैसे ही बहुत लोग होंगे जो उनके खेमे से खुश नहीं होंगे और इसका परिणाम शायद मतगणना के बाद ही पता चलेगा।
गुरुवार, 24 अक्तूबर 2013
"मैडम मंहगाई से जनता परेशां हैं, यदि आपका आदेश हो तो कुछ राहत के बारे में सोचे" कांग्रेस के नेता ने आलाकमान से आग्रह किया।
"नहीं ,बिलकूल नहीं, अगले शाल चुनाव हैं हम इस तरह का कदम हरगिज नहीं उठा सकते, अगर इनको राहत दे दिया तो कुछ और सोचना शुरू कर देंगे। अभी तो सिर्फ घर के बजट के बारे में सोच रहे हैं" आलाकमानका जवाब।
फिक्की बात :-" प्याज की रेट क्यूँ इतना बढ़ रहा हैं ? " प्रेस रिपोर्टर ने पूछा।
सरद पवार ने कहा " पता नहीं?"
"श्रीमान आप, इस देश का कृषि मंत्री हैं?" प्रेस रिपोर्टर ने पूछा।
सरद पवार ने कहा " इसलिए तो, भई चुनाव की तैयारी करना है।"
मतलब क्या है, मतलब क्या हैं? प्रेस रिपोर्टर ने कहा।
सरद पवार ने कहा "बस बस !!!!"
सरद पवार ने कहा " पता नहीं?"
"श्रीमान आप, इस देश का कृषि मंत्री हैं?" प्रेस रिपोर्टर ने पूछा।
सरद पवार ने कहा " इसलिए तो, भई चुनाव की तैयारी करना है।"
मतलब क्या है, मतलब क्या हैं? प्रेस रिपोर्टर ने कहा।
सरद पवार ने कहा "बस बस !!!!"
रविवार, 13 अक्तूबर 2013
रावन एक परिकल्पना हैं जो हमें आगाह करता हैं कि पाप का अंत, रावन एक यथार्थ हैं जो हमें आगाह करता हैं कि इन्सान चाहे कितना भी बड़ा क्यूँ ना हो जाय इंसानियत को भूलेगा तो अंत निश्चित हैं। इस लिए इस परिकल्पना को यथार्थ कभी बनने ना दे और अपने अंडर इंसानियत को हमेशा जीवित रखे और उस कल्पना को जला कर राख करदे जो हो कल रावन का शक्कल लेनेवाला हैं। ध्यनबाद, शुभ द्सहेरा!!!
शनिवार, 12 अक्तूबर 2013
आदमी वक्त के सामने कुछ नहीं हैं, जब वक्त आपके अनुकूल हो तो आप कोई भी गलती करो आपको तात्कालिक किसी प्रकार का हानी शायद ना हो पर जैसे सी वक्त करबत बदलेंगे आपको फिर सभी गलतियों का हिसाब देना पड़ेगा इसका ज्वलंत उदाहरण आसाराम बापू हैं जो अच्छा वक्त का काफी दुरूपयोग किया और आज हर एक गलती का हिसाब देना होगा क्योकि उनका वक्त करबत ले चूका हैं। इसलिए माँ भगवती से सविनय प्राथना कीजिये की कभी गलती अज्ञानता में भी ना हो चाहे वक्त कैसा भी हो ?
जय माँ दुर्गा .........................................................
जय माँ दुर्गा .........................................................
बुधवार, 9 अक्तूबर 2013
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