सरकार एक और लोलीपॉप जनता को देने का फ़ैसला लिया हैं मोबाइल जो देने जा रहे हैं मनेरेगा के अन्तगर्त काम करने वाले लोग को , आखिर क्यूँ ना दे ये चुनावी शाल जो ठहरे। जरा देश के बारे में भी सोचे तो आज देश की जो हालत हैं शायद नहीं होता एक तरफ महंगाई ना को दम कर रखा है, भ्रष्टाचार अपनी जड़ पूरी तरह जमा चूका हैं यहाँ तक की सरकार की शायद एक दो मंत्री को छोड़ दे सारे लिप्त हैं इसमें। अभी तो वाकी हैं आधी शाल से ज्यादा चुनाव होने को, देखना हैं और कितने लोलीपॉप हैं सरकार के पास जनता के लिये।
बुधवार, 31 जुलाई 2013
सरकार एक और लोलीपॉप जनता को देने का फ़ैसला लिया हैं मोबाइल जो देने जा रहे हैं मनेरेगा के अन्तगर्त काम करने वाले लोग को , आखिर क्यूँ ना दे ये चुनावी शाल जो ठहरे। जरा देश के बारे में भी सोचे तो आज देश की जो हालत हैं शायद नहीं होता एक तरफ महंगाई ना को दम कर रखा है, भ्रष्टाचार अपनी जड़ पूरी तरह जमा चूका हैं यहाँ तक की सरकार की शायद एक दो मंत्री को छोड़ दे सारे लिप्त हैं इसमें। अभी तो वाकी हैं आधी शाल से ज्यादा चुनाव होने को, देखना हैं और कितने लोलीपॉप हैं सरकार के पास जनता के लिये।
शनिवार, 27 जुलाई 2013
शुक्रवार, 26 जुलाई 2013
१.
परिवार में शान्ति के लिए शनिवार के दिन आंटा पिसवायें और उसमें १५० ग्राम
चना मिला दें, शुक्रवार को १०० ग्राम चावल की भात बनाकर उसमें घी मिलाकर
उजली गाय को खिला दें.
२.महालक्ष्मी कृपा मंत्र:-
ऊँ श्रीं श्रीं नम: - घी का दीपक जलाकर स्फटिक की माला से एक माला जाप करें.
३. शिव कृपा मंत्र:-
ऊँ नमों भगवते पाशुपाताय नम: - रुद्राक्ष की माला से एक माला जाप करें.
४. धन प्राप्ति मंत्र-
अं आं क्रों ह्रीं ऐं क्लीं ह्रों पद्मावत्यै नम: -मूंगे की माला से सवालाख जप करें
५. अक्षय कीर्ति मंत्र-
ऐं क्लीं सौ: ---११००० बार जाप करें.
६. अनिष्ट नाशक मंत्र-
ऊँ काल भैरवाय नम: - तेल का दीप जलाकर रुद्राक्ष की माला से १०८ बार जाप करें.
७. सम्पूर्ण सुख प्राप्ति मंत्र-
क्लीं कृष्णाय गोविन्दाय गोपीजन वल्लभाय स्वाहा- १०८ बार जाप करें.
८. दुर्गति नाशक मंत्र-
ऊँ दुर्गे दुर्गति नाशिनी- १ माला रोजा जाप करें
९. जमीन जायदाद प्राप्ति/वृद्धि के लिए मंत्र-
ऊँ नमों भगवत्यै धरन्ये धरणीधर धरे स्वाहा- रक्त चन्दन की माला से ११००० बार जप करें
१०. ऋण नाशक मंत्र-
ऊँ गणेश ऋण छिन्धि वरेण्यं हुं नम: फट- स्फटिक की माला से एक माला जाप करें.
(लाल किताब से संगृहीत)
हे ईस्वर, इनको दे सदबुधि, ये कोई गैर नहीं अपने हमारे है!!
क्या यह वही शहर हैं, जिसे छोड़ गए थे हम ?
ये खन्दर, वे वीरान सी सड़के
अरे, ये हो क्या गया ?
ना मुस्करती कलियाँ, ना इठलाती नदिया,
शुनशान हैं बाग़, खामोश हैं गलियां !!
ये वही लोग हैं जिनके बुजुगों ने शहादत दिए थे
ना, ना, कहीं और तो, नहीं हम आ गए!
गैरो को तो छोड़ो ये तो अपने है जो लूट रहे हैं,
यह कैसी हैवानियत है, जो चारो तरफ छा गए !!
ना कोई शर्म ना कोई धर्म
ये कैसी हवस हैं जो दम तोड़ रहा है!
जिसके लिए मानवता का हो रहा हैं हनन
उफ़ ये रूह ! जो मरोर रहा हैं!!
कैसे उजारे इस चमन को,
जिसको हमने वरसो सवारे हैं !
हे ईस्वर, इनको दे सदबुधि,
ये कोई गैर नहीं अपने हमारे है!!
जय हिन्द ….
मंगलवार, 23 जुलाई 2013
अंडर टेबल हैं तो क्या हुआ आचार नहीं पर विचार हैं,
ना ब्रह्मस्त्र, ना परमाणु पर हम से बड़ा न कोई हथियार है
अरे भाई साहेब नहीं समझे आप तो समझ लो,
जो डर-डर कर आँख के पीछे लेता, वही तो भर्ष्टाचार हैं ................
पाताल हो या आकाश, कण कण में है मेरा वास
कोयल हो या रेल, भैया सब हैं मेरा खेल ,
२जी हो ३जी, सब हैं मेरे सामने फेल,
मंत्री हो संत्री मेरे बिना नहीं हैं किसीसे मेल
अवैद्द हैं तो क्या हुआ पर शिष्टचार हैं
अरे भाई साहेब नहीं समझे आप तो समझ लो………….
मुंबई हो या दिल्ली मेरे बिना सब हैं धिल्ली
घुमाओ मेरी अगरबत्ती , उडाओ ना मेरी खिल्ली,
पैकेट गरम हुआ समझ लो बाबु नरम हुआ
तब जाकर आपका बेरा पार है ………….
मस्जिद जाओ या मंदिर, ना मिलेगा खुदा, ना मिलेगा राम
बिना दक्षिणा का नहीं होता कोई काम
नाजायज हूँ पर सब मेरा हैं उपकार
इसलिए तो राजा, प्रजा दोनों को हमसे प्यार हैं
अरे भाई साहेब नहीं समझे आप तो समझ लो,
जो डर-डर कर आँख के पीछे लेता, वही तो भर्ष्टाचार हैं ................
ना ब्रह्मस्त्र, ना परमाणु पर हम से बड़ा न कोई हथियार है
अरे भाई साहेब नहीं समझे आप तो समझ लो,
जो डर-डर कर आँख के पीछे लेता, वही तो भर्ष्टाचार हैं ................
पाताल हो या आकाश, कण कण में है मेरा वास
कोयल हो या रेल, भैया सब हैं मेरा खेल ,
२जी हो ३जी, सब हैं मेरे सामने फेल,
मंत्री हो संत्री मेरे बिना नहीं हैं किसीसे मेल
अवैद्द हैं तो क्या हुआ पर शिष्टचार हैं
अरे भाई साहेब नहीं समझे आप तो समझ लो………….
मुंबई हो या दिल्ली मेरे बिना सब हैं धिल्ली
घुमाओ मेरी अगरबत्ती , उडाओ ना मेरी खिल्ली,
पैकेट गरम हुआ समझ लो बाबु नरम हुआ
तब जाकर आपका बेरा पार है ………….
मस्जिद जाओ या मंदिर, ना मिलेगा खुदा, ना मिलेगा राम
बिना दक्षिणा का नहीं होता कोई काम
नाजायज हूँ पर सब मेरा हैं उपकार
इसलिए तो राजा, प्रजा दोनों को हमसे प्यार हैं
अरे भाई साहेब नहीं समझे आप तो समझ लो,
जो डर-डर कर आँख के पीछे लेता, वही तो भर्ष्टाचार हैं ................
गुरुवार, 18 जुलाई 2013
सुशाशन बाबु तो अब बेबस और लाचार हो गए इसका ज्वलंत उदहारण हैं की बीते एक महीने चार बड़े घतानाये उनके सुशाशन के पोल खोल दिए और अब उनको ये जवाब देना ही होगा की आखिर क्यूँ इस कदर लाचार हो गए जैसे ही अपने को बीजेपी से अलग किये और इसका फायद तो जरुर ही बीजेपी को मिलेंगा क्योकि बीजेपी की जहाँ कही भी सरकार है वंहा विकाश और अच्छी गोवेर्नेस कायम है यही कारण हैं की जब तक बिहार में अलायन्स सरकार थी सुशाशन का बोलवाला था जैसे ही बीजेपी की अलायन्स भंग हुआ सब कुछ रातो रात बदल गए। अरे नितीश बाबु भी समझ नहीं पा रहे हैं की ये सब क्या हो रहा हैं ? नितीश बाबु ऐसा ही होता अगर अकले सरकार चलाना पड़ता आपको , क्योकि जिस लालू की नाकामी के नाम पर वोट मांगे थे आज के तारीख में आधे दर्जन सिपाह सहलाकार आपने उन्ही की पार्टी के अपने दांयें बाएं बिठा लिए हैं जो आप को मिटटी पलित करने में जयादा समय नहीं लेने देंगे। दो शाल के बाद इलेक्शन होना हैं और दो शाल तक बिहार की कामन आपके हाथ में हैं जो बिहार की जनता नहीं चाहते क्यूंकि जब आप एक महीने, सुशाशन नहीं दे पांए दो शाल में क्या होगा ! भगवान बचाए आपके सुशाशन से बिहार की जनता को। लेकिन आप जरुर ऐसे सिपाह सहालकार बचे जो आप को गर्त में मिला कर दम लेंगे।
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