रविवार, 20 सितंबर 2015





जँहातक  समर्थन  की बात है तो मैं भी चाहता हूँ कि बिहार में भाजपा की सरकार हो पर ऐसा होता नहीं दिख रहा है क्यूंकि इसका मुख्य वजह भाजपाई का अत्यधिक आत्मविस्वास जो इनके लिए नुकशानदेह हालाँकि  इसी प्रकार का आँकलन  दिल्ली के चुनाव भी दिया था पर किसी ने भी इनपर विस्वास नहीं कर पाया नतीजा सबके सामने है। कभी- कभी अत्यधिक आत्मविस्वास भी निराशा का कारण बनता है और यही हुआ था दिल्ली के चुनाव में पुनः एक बार यह देखने को मिलेगा बिहार के चुनाव में  यदि यथाशीघ्र जरुरी कदम नहीं उठाया गया।  बिहार के चुनाव का परिणाम लोगों को झकझोड़ देने वाले होंगे इंतज़ार कीजिए उस क्षण को जब कल्पना से परे सबकुछ होनेवाले है।  यदि भाजपा को फायदा मिलेगा तो एक ही कारण  से कि नीतीश जो  लालू के साथ गए अन्यथा सब कुछ वँहा पर विरुद्ध ही जा रहे है। यद्दपि  टिकट वटबारें को लेकर भी भाजपा को आगाह करना चाहूंगा कि बाहरी और अयोग्य उम्मीदवार को जीतना बड़ी मुश्किल है पचास प्रतिशत ही उम्मीद किया जा सकता है कि इस तरह का उम्मीदवार चुनाव जीत पाएंगे।  एक बात तो शुनिश्चित है कि बिहार चुनाव के परिणाम आने के बाद बड़े -बड़े ज्योतिषिचार्य और अंकगणित विशेषज्ञ का सभी सभी के जोड़ -घटाऊ का हवा निकलनेवाला है। वेट एंड  वॉच ......................... !!!


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