गुरुवार, 3 सितंबर 2015


आजादी  तो हमने हाशिल कर लिए हैं पर आज भी हमारे बीच में बहुतो है जिनको  यह रास नहीं आते है पर   हम फिक्र क्यूँ करे इन अवसरवादी और ख़ुदगर्जों का,  आज़ादी हमारे पुरखो की विरासत है जिन्होने इसके खातिर क़ुरबानी दी है इसलिए आज़ादी हमारा मौलिक अधिकार है जबकि इनको बरकरार रखना हमारा कर्तव्य है, जय हिन्द, जय भारत!!

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