बुधवार, 9 अक्तूबर 2013

कुछ जन ऐसे देखे गए हैं की जैसी ही सिखर पर पहुँचते तो जमी पर देखना छोड़ देते हैं।  शायद वह भूल जाते हैं की जमी नहीं मिलेगी तो नहीं जमीर होगी और ना ही दो गज जमीं  नसीब होगा, आखिरी में जंहा दफ़न होना हैं...

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