शनिवार, 10 अगस्त 2013

चुपी कब टूटेगी  हमारे  हुकुमरानो  की,  और कब  लेंगे हर जख्म का हिसाब
चुपी को कमजोरी न समझ ले वे, उनसे पहले मिला दे खाक में उनकी हरएक ख्वाब।

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