फिक्की बात :- अभी के जो राजनीती गतिबिधिया हैं, उसमे सबसे दुबिधा में नितीश कुमार है। शायद उनको अभाश हो ना हो पर यह सच हैं की कांग्रेस उनको भाव देनेवाले नहीं हैं और भाजपा उनके पास जाने को तैयार नहि होंगे। इस विषम परिस्थिति में उनके सारे सोशल समीकरण धरा के धरा ही रह जायेंगे। उनका हाल धोवी के कुत्ता जैसे ना हो जाय जो ना घर का और ना घाट का। यह उन्हें कौन समझाए ………
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